निम्नवत कुछ बातों को अपनाकर हम पानी क़ी बर्बादी रोक सकते हैँ औऱ पेयजल क़ी बचत कर सकते हैँ।

1: नल क़ी टोंटी से यदि पानी टपक रहा हो तो उसे यथा शीघ्र ठीक कराएँ ।

2: घऱ मेँ सब्मर्सिबल पम्प से सबसे ज्यादा पानी बर्बाद हो रहा है। टंकी मेँ सेंसर या बजर लगाएँ जिससे आप पानी भरते ही स्विच ऑफ कर सकें।

3: खेत क़ी सिंचाई के पुराने तरीके क़ी जगह स्प्रिंकल मेथड से फसलों व पौधों क़ी सिंचाई क़ी जाये।

4: जिन घरों मेँ aqua guard या RO लगा हो वहाँ 80% से ज्यादा drain out होने वॉटर को इकट्ठे किसी बड़े बर्तन या टंकी मेँ इकट्ठा कर उसे कपड़े, बर्तन आदि धोने या नहाने मेँ इस्तेमाल करें, नाली मेँ ना बहायें।

4: रेनवाटर हार्वेस्टिंग के विकल्प को अपनाया जाये।

5: भूमिगत जल स्रोत को बढ़ाने के लिए बरसात के पानी को पृथ्वी क़ी निचली सतह तक़ पहुंचाने का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिये।

6: गाँव के गडही, पोखरे को लोगोँ ने पाटकर अवैध कब्जे कर लिए। बरसात का पानी इनमें इकट्ठा होकर भूमिगत जल स्रोत को मेंटेन रखते थे, इन्हे भी मुक्त कराकर जल स्रोत को बढ़ाया जा सकता है।

7: जहाँ तक़ सम्भव हो कम से कम पानी इस्तेमाल हो। गाड़ियों आदि के धोने मेँ भी गैराज वाले अनावश्यक पानी बहुत बर्बाद करते हैँ, इन्हे भी समझाया जाना चाहिये ।

8: Sewage water ट्रीटमेंट के बाद उसे पौधों औऱ फसलों क़ी सिंचाई के उपयोग मेँ इस्तेमाल किया जा सकता है।

9: वर्षा जल संचयन से surface water (तालाब, पोखरा, कुँआ..) के जल स्तर को बढ़ाया जा सकता है।

10: roof top water harvesting technique से पीने के पानी का संचयन तथा ground water level बढ़ सकता है।

औऱ क्या जोड़ा जाये ……कृपया सुझाव दें औऱ लोगोँ को भी जागरूक करने मेँ सहयोग दें ।

सौजन्य से-अमरेश प्रताप सिंह

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